रायपुर, 5 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंचायती राज संस्थाओं को ग्रामीण विकास की “रीढ़ की हड्डी” करार देते हुए नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों से विकास की मजबूत नींव रखने का आह्वान किया है।
वे रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में तीन दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा समेत राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

🔹 मुख्य बातें एक नज़र में
✅ पंचायतें ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं
मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति और जनसेवा की भावना से एक व्यक्ति भी जिले की तस्वीर बदल सकता है।
✅ संघर्ष से नेतृत्व तक की यात्रा साझा
मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पंच के रूप में राजनीतिक सफर शुरू किया था और जनता के आशीर्वाद से विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया।
✅ प्रेरणा के स्रोत: अच्युत सामंत और नानाजी देशमुख
मुख्यमंत्री ने ओडिशा के अच्युत सामंत और चित्रकूट के नानाजी देशमुख के सामाजिक कार्यों का उल्लेख कर बताया कि कैसे एक व्यक्ति भी जनसेवा से सैकड़ों गांवों की तकदीर बदल सकता है।
✅ नक्सलवाद पर सख्ती, पुनर्वास नीति लागू
साय ने कहा कि नक्सलवाद राज्य के विकास में बड़ी बाधा रहा है, लेकिन अब यह समाप्ति की ओर है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए प्रभावशाली पुनर्वास नीति तैयार की गई है।
✅ मुलेर गांव का अनुभव
उन्होंने बताया कि कैसे बस्तर के मुलेर गांव में राशन के लिए तीन दिन पैदल चलने वाली स्थिति को पंचायत गठन और राशन दुकान खोलने से बदला गया।
🛠 उपमुख्यमंत्री ने दिए विकास के व्यावहारिक सुझाव
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना भी जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि दुग्ध उत्पादन जैसी गतिविधियां गांवों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती हैं और युवाओं को सकारात्मक दिशा देती हैं।
📘 महत्वपूर्ण विमोचन और पहलें
- पेसा मार्गदर्शिका, पंचायत उपबंध पत्रिका और जनपद प्रतिनिधियों हेतु पठन सामग्री का विमोचन
- मौलश्री पौधे का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- पंचायत संस्थाओं से जुड़े 1.70 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने की योजना की शुरुआत
🔍 निष्कर्ष
मुख्यमंत्री साय और उपमुख्यमंत्री शर्मा दोनों ने इस बात पर बल दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से ही “विकसित छत्तीसगढ़” का सपना साकार हो सकता है। प्रशिक्षण, निरीक्षण और जनसंपर्क के माध्यम से ग्रामीण विकास को गति दी जा सकती है।
English Tags:
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