बलरामपुर, 08 अगस्त 2025 — रक्षाबंधन के अवसर पर बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस ने भाई की भूमिका निभाते हुए 19 गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया। पुलिस मुख्यालय रायपुर के निर्देश पर 1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाए गए ऑपरेशन मुस्कान 2025 के तहत 13 बच्चियों और 6 बालकों को विभिन्न राज्यों और जिलों से खोजकर सुरक्षित घर वापस लाया गया।
ये बच्चे न केवल छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से, बल्कि चेन्नई, महाराष्ट्र, तेलंगाना और दिल्ली जैसे दूरस्थ राज्यों से भी मिले। पुलिस ने सीमावर्ती गांवों से लेकर शहरी इलाकों तक गहन तलाशी अभियान चलाया और थानों में दर्ज पुराने गुमशुदगी रिकॉर्ड की जांच कर तत्परता से कार्रवाई की।
ग्राम पुरसवाडीह के एक किसान ने अपनी बेटी के तमिलनाडु से मिलने पर भावुक होकर कहा, “जिस दिन थाने से फोन आया कि आपकी बेटी मिल गई है, खुशी के आँसू बह निकले। पुलिस ने हमारा भरोसा निभाया।” ग्राम खजुरियाडीह निवासी ने भी दिल्ली से सकुशल लौटी अपनी बेटी को पाकर पुलिस के प्रति आभार जताया।
पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल ने बताया कि अभियान का उद्देश्य गुमशुदा, बेसहारा और तस्करी के शिकार बच्चों को पहचानकर उन्हें सुरक्षा देना है। इसमें महिला एवं बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, थाना स्तरीय टीमों और अन्य एजेंसियों का सक्रिय सहयोग रहा। बच्चों को ढूंढने में आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया और खुफिया नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने पूरी टीम को बधाई देते हुए लोगों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की अपील की।


