रायपुर, 04 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किए जा रहे राज्योत्सव कार्यक्रमों पर रायपुर के पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा करते हुए राज्योत्सव के आयोजन खर्च और उद्देश्य पर तीखी टिप्पणी की है।

प्रमोद दुबे ने लिखा, “मुफ्त के चंदन घीस भाई मल्लू की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार सभी जिला मुख्यालयों में बड़े-बड़े टेंट लगाकर राज्योत्सव मना रही है, जहाँ केवल कलाकार और अधिकारी ही जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों का रोज बहिष्कार चल रहा है और टेंट पूरे खाली रहते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा कि टेंट, माइक, नाश्ता और भोजन पर भारी खर्च किया जा रहा है, लेकिन इन आयोजनों का जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है। “न कोई देखने जाता है, न किसी को खर्च की जानकारी होती है। सरकार स्वयं अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि 1 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार को यह सब शोभा नहीं देता,” उन्होंने कहा।
पूर्व महापौर ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि “इतने पैसों में तो 200 स्कूल बनाए जा सकते थे, या 50 अस्पतालों में कर्मचारी रखे जा सकते थे जो मेनपावर के अभाव में बंद हो चुके हैं। सरकार को समझना चाहिए कि इन आयोजनों का आनंद केवल अधिकारी और ठेकेदार बिल निकालकर लेते हैं।”
