बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के थाना रघुनाथनगर पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। मामला पैसों के लेन-देन से जुड़ा है, जहां आरोपी ने ब्याज पर लिए गए रुपए लौटाने के दबाव में आकर अपने परिचित की हत्या कर दी।
30 अगस्त 2025 को ग्राम चपोता रेंट नदी किनारे एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई थी। शव के पास से एक मोटरसाइकिल बरामद की गई, जिसकी जांच में मृतक की पहचान शिवराज सिंह (45 वर्ष), निवासी ग्राम पंडरी, थाना माडा जिला सिंगरौली (मध्यप्रदेश) के रूप में हुई। शव का पोस्टमार्टम कराने पर डॉक्टर ने गला दबाकर हत्या होने की आशंका जताई।

पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्वदीपक त्रिपाठी एवं एसडीओपी रामअवतार ध्रुव के निर्देशन में जांच की गई। घटनास्थल से मिले साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डिटेल्स के आधार पर मृतक के अंतिम बार देखे गए व्यक्ति की पहचान सियाचंद वैश्य (43 वर्ष), निवासी भाऊखंड, थाना माडा, जिला सिंगरौली, के रूप में हुई।
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने मृतक से करीब 7.5 लाख रुपये 5% ब्याज पर लिए थे, जो बढ़कर लगभग 15 लाख रुपये हो गए थे। केवल 1.5 लाख रुपये लौटाने के बाद मृतक लगातार दबाव बना रहा था। इसी प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर आरोपी ने हत्या की योजना बनाई। घटना के दिन आरोपी मृतक को जमीन दिखाने के बहाने चपोता नदी किनारे ले गया, जहां चाकू से हमला और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को नदी में फेंक दिया और मृतक के जेब से 50,000 रुपये निकाल लिए।
विवेचना में आरोपी के निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, खून से सने कपड़े, मृतक से लूटा गया 50,000 रुपये, मोटरसाइकिल और मोबाइल बरामद किए गए। आरोपी को 3 सितंबर की शाम गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
इस पूरे मामले में थाना प्रभारी रघुनाथनगर निरीक्षक देवेंद्र ठाकुर, चौकी प्रभारी बलंगी उप निरीक्षक सुभाष कुजूर, सहायक उप निरीक्षक नंदलाल प्रधान, आरक्षक उमेश यादव, जेम्स लकड़ा, राजेंद्र कुजुर्ग, जुगेश जायसवाल और टेक चंद्र वर्मा की भूमिका सराहनीय रही।