रायपुर: नवा रायपुर में बनेगा शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय, आदिवासी शौर्य और बलिदान का होगा प्रतीक
— 45 करोड़ की लागत से 30 सितंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य
रायपुर, 18 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ की धरती पर आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गौरवपूर्ण इतिहास को संरक्षित और प्रदर्शित करने के उद्देश्य से नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का निर्माण तीव्र गति से जारी है। इस ऐतिहासिक संग्रहालय का निर्माण कार्य 45 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है, जिसे आगामी 30 सितंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस संग्रहालय की प्रगति की समीक्षा आज आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने की। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश का पहला संग्रहालय होगा जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य, संघर्ष और बलिदान को समर्पित होगा।
संग्रहालय की खास बातें:
- संग्रहालय में हल्बा, सरगुजा, भोपालपट्टनम, परलकोट, तारापुर, लिंगागिरी, कोई, मेरिया, मुरिया, रानी चौरिस, भूमकाल, सोनाखान, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह जैसे ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों को जीवंत दृश्यों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
- यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासी नायकों के अद्वितीय योगदान को नई पीढ़ी के समक्ष लाएगा।
- निर्माण कार्य में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
- निर्माण में उपयोग की जा रही सभी सामग्री उच्च गुणवत्ता एवं मानकीकरण पर आधारित होनी चाहिए।
समीक्षा बैठक के दौरान, श्री बोरा ने मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में बने संग्रहालयों का अध्ययन कर इस संग्रहालय में ऐतिहासिक तथ्यों एवं विषयवस्तु के समावेश पर बल देने की बात कही।
उपस्थित अधिकारी:
बैठक में टीआरटीआई के संचालक श्री जगदीश कुमार सोनकर, उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, कार्यपालन यंत्री श्री त्रिदीप चक्रवर्ती, इंजीनियर्स सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
यह संग्रहालय न केवल इतिहास को संरक्षित करने का माध्यम बनेगा, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय के स्वाभिमान, गौरव और संघर्ष की अमर गाथा का प्रतीक भी होगा।