ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई गुहार — चेताया सड़क पर उतरने की चेतावनी
मुंगेली, 14 अक्टूबर।
नशे का जाल अब गांवों तक गहराई से फैल चुका है। शराब और मादक पदार्थों की बढ़ती उपलब्धता ने समाज के हर तबके को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। यह सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाली बीमारी बन चुकी है। परिवार बिखर रहे हैं, युवाओं की दिशा भटक रही है और अपराध की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। यही हाल अब मुंगेली जिले के ग्राम खम्हरिया का है, जहाँ अवैध शराब बिक्री के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है।

ग्राम खम्हरिया (थाना एवं तहसील जरहागांव) के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से गांव में खुलेआम शराब और गांजा जैसी नशीली चीज़ों की बिक्री हो रही है। इसकी वजह से माहौल पूरी तरह से बिगड़ चुका है। युवाओं और यहां तक कि स्कूल के बच्चों में भी नशे की लत बढ़ती जा रही है, जिसके चलते झगड़े, चोरी और घरेलू हिंसा जैसी घटनाएँ आम हो गई हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित है। छापेमारी होती है, लेकिन कुछ दिनों बाद वही लोग दोबारा शराब बेचते नजर आते हैं। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस और शराब कारोबारियों के बीच मिलीभगत के कारण यह गोरखधंधा लगातार फल-फूल रहा है।

इसी समस्या को लेकर सोमवार को सैकड़ों ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय मुंगेली पहुँचे और जनदर्शन कार्यक्रम में सामूहिक आवेदन सौंपा। उन्होंने गांव में अवैध शराब बिक्री पर तुरंत रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे सड़क पर उतरकर चक्काजाम करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांग है कि गांव में अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, दोषियों को जेल भेजा जाए, और खम्हरिया को “नशामुक्त पंचायत” घोषित किया जाए।
नशे का फैलाव सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक पतन का संकेत है। यह एक ऐसी आग है जो धीरे-धीरे समाज की जड़ों को जलाती जा रही है। अब समय है कि प्रशासन, समाज और परिवार – तीनों मिलकर एकजुट हों, वरना आने वाली पीढ़ी को इस अंधेरे से बाहर निकालना मुश्किल हो जाएगा।

