गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे पूरे भारत में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता कहा जाता है। भगवान गणेश को हर शुभ कार्य का आरंभ करने से पहले पूजा जाता है, इसलिए उनकी आराधना का विशेष महत्व है।
गणेश चतुर्थी की तिथि और धार्मिक मान्यता
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र श्री गणेश का जन्म हुआ था। गणपति जी को गणों का नायक और प्रथम पूज्य देवता माना गया है।

क्यों है यह पर्व भारतीयों के लिए खास?
1. सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
यह त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा और देश के अन्य राज्यों में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
2. एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक
गणेश चतुर्थी के दौरान लोग एकजुट होकर पंडाल सजाते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं। यह पर्व सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
3. आध्यात्मिक और मानसिक शांति
गणेश जी की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भक्तजन उपवास रखते हैं, गणपति के प्रिय व्यंजन मोदक का भोग लगाते हैं और पूरे दिन भक्ति में लीन रहते हैं।
4. लोकमान्य तिलक और राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ाव
गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से भी जुड़ा हुआ है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में इस उत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की थी, ताकि लोगों में एकता और राष्ट्रीयता की भावना जागृत हो सके।
कैसे मनाई जाती है गणेश चतुर्थी?
इस दिन घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है। दस दिनों तक गणेश जी की विधिवत पूजा होती है। भजन, कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक आयोजन इस पर्व को खास बनाते हैं। अंत में अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, जिसे “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयघोष के साथ संपन्न किया जाता है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भारतीय समाज की सांस्कृतिक एकता, उत्सवप्रियता और श्रद्धा का प्रतीक है। हर भारतीय के लिए यह खास इसलिए है क्योंकि यह त्योहार जीवन में नई शुरुआत, समृद्धि, और सकारात्मकता का संदेश देता है।