रायपुर, 15 जुलाई 2025
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि बस्तर अंचल के बच्चों का स्वर्णिम भविष्य सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे सोमवार को नियद नेल्लानार योजना के तहत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले की पाँच सुदूर ग्राम पंचायतों के स्कूली बच्चों से विधानसभा परिसर में आत्मीय मुलाकात कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों से सौहार्दपूर्ण संवाद किया और राजधानी की यात्रा को उनके लिए प्रेरणादायक बताया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं को पहुँचाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अब बस्तर के दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुँच रहा है, और वहां सुरक्षाबलों के कैंपों की स्थापना से चौतरफा विकास के द्वार खुल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुस्कराते हुए पूछा— “बस्तर के शेर बच्चों ने रायपुर के जंगल सफारी में शेर देखा या नहीं?”, इस पर बच्चों और उपस्थित अधिकारियों ने ठहाके लगाते हुए माहौल को आनंदमय बना दिया।
श्री साय ने कहा कि आत्मनिर्भर बस्तर की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। स्थानीय युवाओं को दुग्ध उत्पादन जैसी गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षा और स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि से बस्तर के बच्चों का भविष्य और अधिक सुरक्षित व समृद्ध बनेगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप तथा विधायकगण श्री ईश्वर साहू और श्री सुशांत शुक्ला भी उपस्थित थे।
शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य और अनुभव
गौरतलब है कि नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत सुकमा जिले की पालाचलमा, पोटकपल्ली, एलमागुंडा, ताड़मेटला एवं गोलापल्ली ग्राम पंचायतों से आए 100 स्कूली बच्चों को राजधानी रायपुर का दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस भ्रमण में बच्चों ने मंत्रालय, जंगल सफारी, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जैसे प्रमुख स्थलों का अवलोकन किया। यह योजना बस्तर के नक्सल प्रभावित पाँच जिलों के बच्चों को शैक्षणिक रूप से समृद्ध करने और उन्हें प्रेरणा देने की दृष्टि से संचालित की जा रही है।