नवकार महामंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिए 9 संकल्प, जैन धर्म को बताया भारत की बौद्धिक और आध्यात्मिक धरोहर

📅 प्रविष्टि तिथि: 09 अप्रैल 2025
📍 नई दिल्ली | संवाददाता

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में “नवकार महामंत्र दिवस” का उद्घाटन किया और इस अवसर पर जैन समुदाय एवं देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने इस विशेष दिन पर नवकार मंत्र के आध्यात्मिक महत्व, इसकी सार्वकालिक उपयोगिता और जैन दर्शन के वैश्विक योगदान पर प्रकाश डाला।

✨ पंच परमेष्ठी की वंदना, मोक्ष का मार्ग

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “नवकार महामंत्र पंच परमेष्ठी की वंदना है, जो सही ज्ञान, धारणा और आचरण के माध्यम से मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग दर्शाता है।” उन्होंने मंत्र के प्रत्येक शब्द में छिपी ऊर्जा, स्थिरता और समभाव की व्याख्या करते हुए बताया कि यह आत्म-जागृति का स्त्रोत है।

🧘 आत्म-शुद्धि से आत्म-विजय की ओर

श्री मोदी ने कहा कि नवकार मंत्र केवल वंदना नहीं, बल्कि एक साधना है जो व्यक्ति को भीतर से शुद्ध कर आत्म-विजय की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा, “सच्चा शत्रु हमारे भीतर होता है—अविश्वास, स्वार्थ और नकारात्मकता—और इन पर विजय ही असली सफलता है।”

जैन साहित्य: भारत की बौद्धिक विरासत

प्रधानमंत्री ने जैन साहित्य को भारत की बौद्धिक गौरवशाली विरासत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृत और पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर जैन ग्रंथों और पांडुलिपियों के संरक्षण और शोध को बढ़ावा दे रही है। “ज्ञान भारतम् मिशन” के तहत लाखों पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण की योजना भी साझा की गई।

🌍 जलवायु संकट से निपटने में जैन दर्शन का योगदान

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन को आज की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि जैन धर्म की संयमित और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली “मिशन लाइफ़” के लक्ष्यों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि “अपरिग्रह और अहिंसा जैसे सिद्धांत वैश्विक समाधान बन सकते हैं।”

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🕉️ नवकार मंत्र के 9 संकल्प

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने सभी उपस्थितजनों से 9 संकल्प लेने का आग्रह किया जो नवकार मंत्र के 9 तत्वों और भारतीय संस्कृति में 9 अंक के महत्व को दर्शाते हैं:

  1. जल संरक्षण
  2. एक पेड़ मां के नाम पर लगाना
  3. स्वच्छता मिशन में सहभागिता
  4. स्थानीय उत्पादों का समर्थन (वोकल फॉर लोकल)
  5. विदेश से पहले भारत को जानना (भारत की खोज)
  6. प्राकृतिक खेती को अपनाना
  7. स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना
  8. योग और खेल को जीवन में शामिल करना
  9. गरीबों की सहायता करना

🛕 नव संसद में जैन धर्म की झलक

प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में जैन दर्शन की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए शार्दुल गेट पर सम्मेद शिखर, लोकसभा में तीर्थंकर मूर्ति, संविधान दीर्घा में भगवान महावीर की पेंटिंग जैसे कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र और उसकी आध्यात्मिक जड़ों का समन्वय है।

🤝 वैश्विक एकता और जैन धर्म की भूमिका

श्री मोदी ने “परस्परोपग्रहो जीवनम्” की व्याख्या करते हुए जैन धर्म के वैश्विक दृष्टिकोण और समावेशी दर्शन को वर्तमान वैश्विक समस्याओं के समाधान के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने अनेकांतवाद की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि यह “संघर्षों से बचने और समझदारी से आगे बढ़ने की राह दिखाता है।”

🌐 108 देशों में एकसाथ गूंजा नवकार मंत्र

कार्यक्रम की एक विशेष झलक यह रही कि 108 से अधिक देशों के लोग एक साथ नवकार मंत्र के सामूहिक जाप में शामिल हुए। यह आयोजन विश्व स्तर पर शांति, सहिष्णुता और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक बन गया।



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