राजपुर, बलरामपुर (छत्तीसगढ़)।
राजपुर-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-343 की बदहाल स्थिति अब गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। रविवार सुबह करीब 7 बजे एक आयशर मिनी ट्रक (क्रमांक CG 15 CK 4099) तेज बारिश और खराब सड़क के चलते गागर नदी में गिर गया। गनीमत रही कि समय पर स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस की मदद से चालक और अन्य सवारों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

ट्रक अंबिकापुर से किराना सामान लेकर कुसमी की ओर जा रहा था। बारिश के कारण सड़क अत्यधिक फिसलन भरी हो चुकी थी और ट्रक अनियंत्रित होकर नदी में पलट गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की सहायता से रेस्क्यू कार्य किया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि NH-343 की स्थिति कई वर्षों से खराब है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे और टूटी हुई पुलियाएं रोज़ की आवाजाही को जोखिम भरा बना रही हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। आए दिन हो रहे हादसों ने आमजन में नाराज़गी और असुरक्षा की भावना बढ़ा दी है।

लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर
बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र में शनिवार रात से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजपुर से मात्र 3 किलोमीटर दूर ओकरा गांव के समीप गेउर नदी में जलस्तर करीब 3 फीट तक बढ़ गया, जिससे घंटों आवागमन बाधित रहा।
इस जलभराव की वजह से पतरापारा, अमदरी, कोरगी, खुमरी, डीगनगर जैसे आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया। साप्ताहिक बाजार जाने वाले ग्रामीण नदी के दोनों किनारों पर फंसे रहे। इसके अलावा गागर नदी, गोपालपुर महान नदी, बासेन महान नदी समेत क्षेत्र के कई छोटे पुल और नाले भी उफान पर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में प्रशासन को पहले से सतर्क रहना चाहिए था। यदि समय रहते सड़क और पुलों की मरम्मत होती तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था।
प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल
इन घटनाओं ने प्रशासनिक उदासीनता को एक बार फिर उजागर किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति सुधारने की ज़िम्मेदारी संबंधित निर्माण एजेंसियों और लोक निर्माण विभाग की है, लेकिन वर्तमान में यह विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की है कि NH-343 की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में जान-माल की हानि न हो।
बदहाल सड़कें और अव्यवस्थित बारिश प्रबंधन व्यवस्था आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक हैं। जब तक प्रशासन इस ओर गंभीर कदम नहीं उठाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी और आम जनता की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी।